स्मार्ट और कठिन मेहनत का फल
एक बार की बात है, दानिस नाम का एक छोटा लड़का था जो बाहर अपने पिछवाड़े में खेलना पसंद करता था। एक दिन उसने देखा कि आँगन के एक कोने में एक छोटा सा पौधा उग आया है। उसने अपनी माँ से पूछा कि यह क्या है, और उसने उसे बताया कि यह टमाटर का पौधा है ।
उत्साहित होकर, दानिस ने फैसला किया कि वह अपना खुद का टमाटर उगाना चाहता है। उसने मुट्ठी भर टमाटर के बीज लिए और उन्हें पूरे यार्ड में बिखेर दिया, यह सोचकर कि वह जितने अधिक बीज लगाएगा, उसे उतने अधिक टमाटर मिलेंगे ।
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दिन बीतते गए और दानिस अपने टमाटर के पौधों के उगने का बेसब्री से इंतज़ार करने लगा। लेकिन उनकी निराशा के लिए, कुछ भी नहीं हो रहा था। उसने अपनी माँ से पूछा कि टमाटर क्यों नहीं बढ़ रहे हैं, और उसने समझाया कि उसे बीज ठीक से लगाने चाहिए, उन्हें नियमित रूप से पानी देना चाहिए और उन्हें बढ़ने के लिए धूप देनी चाहिए ।
दानिस ने महसूस किया कि उसे कुछ तर्क का उपयोग करना होगा और अपने टमाटर के बीज लगाने और उसकी देखभाल करने का उचित तरीका सीखना होगा। उसने अपनी माँ की सलाह मानी, और जल्द ही, उसके पिछवाड़े में टमाटर का एक सुंदर पौधा उग आया। दानिस को खुद पर बहुत गर्व था और पूरी गर्मियों में उसने अपने घर में उगाए टमाटरों के मीठे स्वाद का आनंद लिया ।
कहानी का नैतिक यह है कि कभी-कभी हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तर्क का उपयोग करने और उचित कदमों का पालन करने की आवश्यकता होती है। टमाटर लगाने की तरह ही हमें अपना ख्याल रखने और अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है ।
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